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Monday, January 17, 2011

24) की बुत परस्ती से तौबा

की बुत परस्ती से तौबा, तो हुस्न परस्ती क्या करें?
दिल करता खुद से मटरगस्ती, हम दिल से मस्ती क्या करें?

बाज़ार-ऐ-बीचों बीच गुज़रे, वो नज़र झुकाए शर्म से,
हमने मुफ्त उनको जान दी, अब इससे सस्ती क्या करें?

बेवफा भँवरे से तूने, क्यों इश्क किया मेरी कली?
लुट  गयी, हाय मिट गयी, मेरे गुल की हस्ती, क्या करें?

दिल को कहते "मत प्यार कर", ना मानता तो धमकाते,
पर  दिल मान गया पहली दफा, अब ज़बरदस्ती क्या करें?

सुबह उनकी याद सताए, दिन में आलम संजीदा,
शाम कटे तो कटे क्योंकर, रात है डसती, क्या करें?

वो ज़ालिम थी, वो ज़ालिम है, मंज़ूर हमें है ऐ 'अमन',
पर उस ज़ालिम की सिर्फ एक झलक को, आँख तरसती, क्या करें?

Meanings: बुत परस्ती-idol worship गुल-flower हस्ती-personality संजीदा-serious क्योंकर-how

23) दिल में लहू-ऐ-दिल

दिल में लहू-ऐ-दिल के सिवा भला क्या होगा?
पिए का नशा उसकी निगाहों के आगे चला क्या होगा?

मेरे खत को उसने बारिश में बहाने कि हसरत की,
लिखावट ही मिटी न होगी, वो कागज़ भी गला क्या होगा?

वो मिलने को तो आयी, पर बस नाम भर के लिए,
इस जिगर से भी ज्यादा उसका दिल जला क्या होगा?

उसी आलम में मैं था, उसी में थी वो ज़ालिम,
उसने पहचान लिया चेहरा, झूठ चला क्या होगा?

पहला ख्वाब टूटा तो दूसरा ना देखा मैंने 'अमन'
पर उसके सीने में भी कोई और ख्वाब पला क्या होगा?

Meanings: लहू-Blood जिगर-liver आलम-environment