Pages

Monday, January 17, 2011

23) दिल में लहू-ऐ-दिल

दिल में लहू-ऐ-दिल के सिवा भला क्या होगा?
पिए का नशा उसकी निगाहों के आगे चला क्या होगा?

मेरे खत को उसने बारिश में बहाने कि हसरत की,
लिखावट ही मिटी न होगी, वो कागज़ भी गला क्या होगा?

वो मिलने को तो आयी, पर बस नाम भर के लिए,
इस जिगर से भी ज्यादा उसका दिल जला क्या होगा?

उसी आलम में मैं था, उसी में थी वो ज़ालिम,
उसने पहचान लिया चेहरा, झूठ चला क्या होगा?

पहला ख्वाब टूटा तो दूसरा ना देखा मैंने 'अमन'
पर उसके सीने में भी कोई और ख्वाब पला क्या होगा?

Meanings: लहू-Blood जिगर-liver आलम-environment

No comments:

Post a Comment