जब गला भर आता है ये, तुझे याद कर के,
जब शमा बुझाता है परवाना तुझे याद कर के,
तब करूँ तो मैं क्या करूँ, ये कैसी कसम दी है?
के रो भी नहीं सकता मैं अब, तुझे याद कर के|
हलक तक आकर लफ़्ज़, फँस कर रह जाते हैं,
गर जुबान पर आये तो ये, आँसू बन जाते हैं,
इसीलिए, एक घूँट में, पी गया एहसास,
ताकि आँसू ना पीने पड़ें अब, तुझे याद कर के|
दोस्तों ने बनाया मजाक, मेरी मोहब्बत का,
तूने भी उड़ाया मजाक, मेरी मोहब्बत का,
किस-किस को सुनाया मजाक, मेरी मोहब्बत का,
और जिया उसी मोहब्बत के लिए मैं, तुझे याद कर के|
आज़ाद कर दे मुझको, तुझसे मिलने आऊँगा,
वो कसम हटा दे वरना अमन मैं, कुछ कर जाऊंगा,
ना मिला तो जान मैं सच-मच मर जाऊंगा,
वैसे भी मरना ही है अब, तुझे याद कर के|
जब शमा बुझाता है परवाना तुझे याद कर के,
तब करूँ तो मैं क्या करूँ, ये कैसी कसम दी है?
के रो भी नहीं सकता मैं अब, तुझे याद कर के|
हलक तक आकर लफ़्ज़, फँस कर रह जाते हैं,
गर जुबान पर आये तो ये, आँसू बन जाते हैं,
इसीलिए, एक घूँट में, पी गया एहसास,
ताकि आँसू ना पीने पड़ें अब, तुझे याद कर के|
दोस्तों ने बनाया मजाक, मेरी मोहब्बत का,
तूने भी उड़ाया मजाक, मेरी मोहब्बत का,
किस-किस को सुनाया मजाक, मेरी मोहब्बत का,
और जिया उसी मोहब्बत के लिए मैं, तुझे याद कर के|
आज़ाद कर दे मुझको, तुझसे मिलने आऊँगा,
वो कसम हटा दे वरना अमन मैं, कुछ कर जाऊंगा,
ना मिला तो जान मैं सच-मच मर जाऊंगा,
वैसे भी मरना ही है अब, तुझे याद कर के|
all poems are heart touching :)
ReplyDeleteall poems are heart touching :)
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