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Tuesday, April 5, 2011

39) नहीं तेरे सिवा मेरी

नहीं तेरे सिवा मेरी वजह-ए-कसीदा कोई और|
होगा कौन मुझ सा खुश-ओ-संजीदा कोई और?

न कोई है मुझ सा, न कोई और होता था|
मेरा अक्स तुझको दिखता है, सो  वो होगा कोई और|

मेरी फितरत जुदा है हर इंसान-ओ-रूहे दुनिया से|
न बदलता होगा मेरी तरह यूँ, जुबान-ओ-सदा कोई और|

सौ बार जुदा हुआ मैं, सो हर बार दुहाई है|
इस कदर न करे मुझे, खुद से जुदा कोई और|

क्यों बदल रहा है खुद को, देख इस दुनिया की तासीर,
तू खुद है तू, तुझ पर नहीं, जमती अदा कोई और|

किस बात पे इतराती है 'अमन', गर मैं न होता तो,
तुझे चाहता भी कोई और, तेरा होता खुदा कोई और|

Meanings: क़सीदा-a collection of poems, नहीं तेरे .... कोई और-you are the sole inspiration
          for all the poems I have ever created. संजीदा-serious खुश-ओ-संजीदा-happy
          as well as serious simultaneously, अक्स-image फितरत-nature जुदा-different
          इंसान-ओ-रूह-every living and dead ज़ुबान-ओ-सदा-language and voice
          दुहाई-request while crying इस कदर-in this way जुदा-apart तासीर-nature
         जमना-to suit इतराना-over proud गर-if

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