
एक सवाल मिला उनका, पर जवाब नहीं आया|
उस लड़की पे दिल आया तो बुरा क्या किया?
जिसकी हर अदा ने मुझे अपना कर दिखाया|
तड़पाने के अंदाज़ से, वो मुस्कुराकर चली गयी,
मेरे हाल पर ज़रा सा भी तरस नहीं आया|
उसकी चाल-ओ-चहक पर जाने कब से मुतासिर हूँ,
पर वक्त-ए-सूरत-ए-इज़हार उसे तनहा नहीं पाया|
अँधेरे में भी ज़र्द-ए-तस्वीर समझ आती है,
ढूँढने में वक्त यूँ ही, बेवजह नहीं गँवाया|
कुछ तो बात है उसकी सूरत-ओ-जवानी में,
जो बिगाड़ देती है सारा काम बना बनाया|
न "ना" में लब खोले ज़ालिम, न "हाँ" में हिले गर्दन,
क्या मेरा 'अमन'-ए-दिन-ओ-रात उसे रास नहीं आया?
Meanings: इंतज़ार-ए-जवाब-waiting for reply चाल-the way she walks
चहक-the way she speaks मुतासिर-impressed सूरत-situation
वक्त-ए-सूरत-ए-इज़हार-the time and situation of proposal
पर वक्त-ए-...... नहीं पाया-She wasn't alone when I wanted to
propose her ज़र्द-ए-तस्वीर-colors of painting सूरत-face
जवानी-youth लब-lips ज़ालिम-cruel रास-acceptable
No comments:
Post a Comment