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Wednesday, April 27, 2011

40) इंतज़ार-ए-जवाब ने

इंतज़ार-ए-जवाब ने मुझको पूरी रात जगाया,
एक सवाल मिला उनका, पर जवाब नहीं आया|

उस लड़की पे दिल आया तो बुरा क्या किया?
जिसकी हर अदा ने मुझे अपना कर दिखाया|

तड़पाने के अंदाज़ से, वो मुस्कुराकर चली गयी,
मेरे हाल पर ज़रा सा भी तरस नहीं आया|

उसकी चाल-ओ-चहक पर जाने कब से मुतासिर हूँ,
पर वक्त-ए-सूरत-ए-इज़हार उसे तनहा नहीं पाया|

अँधेरे में भी ज़र्द-ए-तस्वीर समझ आती है,
ढूँढने में वक्त यूँ ही, बेवजह नहीं गँवाया|

कुछ तो बात है उसकी सूरत-ओ-जवानी में,
जो बिगाड़ देती है सारा काम बना बनाया|

न "ना" में लब खोले ज़ालिम, न "हाँ" में हिले गर्दन,
क्या मेरा 'अमन'-ए-दिन-ओ-रात उसे रास नहीं आया?

Meanings: इंतज़ार-ए-जवाब-waiting for reply चाल-the way she walks
         चहक-the way she speaks मुतासिर-impressed सूरत-situation
         वक्त-ए-सूरत-ए-इज़हार-the time and situation of proposal
         पर वक्त-ए-...... नहीं पाया-She wasn't alone when I wanted to
          propose her ज़र्द-ए-तस्वीर-colors of painting सूरत-face
         जवानी-youth लब-lips ज़ालिम-cruel रास-acceptable

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