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Wednesday, May 4, 2011

45) हर दिन एक आग थी

हर दिन एक आग थी, ज़िंदा-दिल हर रात थी,
जब थे जवान, जवानी की कुछ और बात थी|

कुछ नया करने को मचलता था दिल,
वो दस्त्कारियाँ पल-पल की, वो तमन्नाएँ साथ थी|

कहाँ जिंदगी ले जायेगी, फर्क नहीं पड़ता था|
बस वलवले थे सीने में, बातें सब जज़्बात थीं|

दिमाग में कुछ कर गुजरने का जूनून रहता था,
तेज याद, तेज दिमाग, तेज हर बात थी|

दुनिया को उलट-पुलट कर देने की चाहत थी,
हमसे होते गुलशन, हमी से वीरानों में बरसात थी|

जोश मन में होता था, एक चटकी थी बदन में,
'अमन' हर चीज़ हमको मुँह-ज़बानी याद थी|

Meanings: जिंदा-दिल-full of life दस्त्कारियाँ-innovative activities वलवले-enthusiasm
जुनून-crazy गुलशन-gardens वीराना-barren land चटकी-quickness

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