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Wednesday, March 2, 2011

27) क्या आशिक हैं, माशूक हैं

क्या आशिक हैं, माशूक हैं, इश्क को जो कर देखते हैं|
वो तो मजाक-मजाक में भी, नाला हो-हो कर देखते हैं|

हम शीशे पर लिख गए खून से, वो ख़याल-ए-हुस्न में खोये थे|
गुरूर में अपना हुस्न उसी, शीशे को धो कर देखते है|

गालों पर आँसू सूख गए, मुस्कुराया लेकर सुर्ख-ए-लब|
मैं भूल गया था दर्द को, आज फिर से रो कर देखते हैं|

वो दर्द-ए-आसमाँ है, जला-जला सा जहां 'अमन',
खत साथ लिपटा होता है जब, वो छत से पत्थर फेंकते हैं|

Meanings: आशिक-lover माशूक़-beloved नाला-sore ख़याल-thoughts
          गुरूर-ego हुस्न-beauty सुर्ख-ए-लब-dry lips दर्द-ए-आसमां-sky of sorrow

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