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Wednesday, March 2, 2011

29) आसाँ नहीं होता था, तेरे

आसाँ नहीं होता था, तेरे शहर से यूँ निकल जाना|
यूँ मान, के होता था इक, ज़हर का निगल जाना|

बात बदल देने की तेरी, खू प्यारी थी मुझको|
पर देखा नहीं था कभी तेरा ही, मोहब्बत से बदल जाना|

मरती थी मुझपे, करती थी मजाक, खंजर ले-ले के|
पर लहू जो देखा तेरा, तभी अपना कतल जाना|

क्या प्यारा न था तुझमें, इक छोड़ कर डरना खुद से?
इक निकाह दुसरे से और इक, हसरत-ए-गैर वतन जाना|

दिन क्या गुज़रता था जो तू, दिखती थी कभी-कभी|
कब-कब तेरा आना और, कब-कब में निकल जाना|

क्यूँ पैड़ मिटाऊँ मैं ही तेरे, क़दमों की ऐ 'अमन'?
आशिक भरे पड़े हैं तेरे, गली-गली गुजर जाना|

Meanings: आसाँ-easy निगलना-to swallow खू-habit लहू-blood कतल-murder
         निकाह-marriage हसरत-wish गैर वतन जाना-to go abroad
         पैड़-foot prints आशिक़-lovers

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