
माशूक खंजर लायी थी, पर मुझे बेवफा कह गयी|
आज की रात है बेखुदी, यारों मुझे अब मत पिलाओ,
वो दिख रही है हर जगह, यह गयी, वो वह गयी|
आशिक हूँ मैं, इक खत लिख कर कागज़ की नाव बनायी थी,
ऐ काश! उनको मिलती पर, बारिश में घिर कर बह गयी|
वो किसी और की हो गयी, मैं किसी का भी न हो सका,
हर बात मुझको तड़पती, हर याद को वो सह गयी|
जी रहा था चैन की एक साँस के इंतज़ार में,
चैन-ओ-'अमन' को पाना, मेरी हसरत बन कर रह गयी|
Meanings: क़यामत-catastrophe माशूक-beloved खंजर-dagger बेवफ़ा-infidel
बेखुदी-unconsciousness अमन-peace (here, also the nom de plume)
हसरत-wish
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