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Wednesday, March 2, 2011

30) है हिम्मत, कि कर लो तुम

है हिम्मत, कि कर लो तुम, इकरार दुनिया के सामने?
फिर क्यों कहूँ तुझको मैं अपना, यार दुनिया के सामने?

तेरी मोहब्बत ने मुझ को छोड़ा ही कहाँ का?
तू जा, के अब मैं रोऊँगा, जार-जार दुनिया के सामने|

मैंने तो छुपानी चाही थी, तूने नीलाम ही कर डाली|
मोहब्बत का ये क्या किया, मेरे यार दुनिया के सामने?

जो करता नहीं क़ुबूल मोहब्बत, खत में, न तो ख़्वाब में,
क्या ख़ाक करेगा वो भला फिर, प्यार दुनिया के सामने?

ये ले खंजर, ये मैं 'अमन', गर इश्क नहीं है मुझसे,
तो आज है इम्तिहान, कर दे, आर-पार दुनिया के सामने|

Meanings:  इकरार-accept जार-जार-to cry in full volume नीलाम-auction
           क़ुबूल-accept गर-if इम्तिहान-exam

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