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Wednesday, March 16, 2011

36) ऐ पगली, मेरी मौत तो

ऐ पगली, मेरी मौत तो, तेरी दिली तमन्ना थी,
के जला है मेरा आशियाना, जार जार अब रोए क्या?

दुनिया से डर से एक भी आँसू नहीं गिराया, हाय-हाय,
देखने वाले चल दिए, तू अब दामन भिगोए क्या?

फ़कीर तुझसे माँगता था दुआ के बदले आने चार,
सात आसमां देख कर अब, आँख अपनी खोए क्या?

था ख्याल टूट-टूट, दरवाज़े पर जाता बार-बार,
ये हवा भी दर हिला कर दिल में ख़्वाब संजोये क्या?

तू दर्द मेरा समझे क्या? याद मेरी आये क्यूँ?
जो घर बसाए हाथों से, वो अपनी नाव डुबोए क्या?

सुकून मिला न उम्र भर, कोशिश-कोशिश में मरा 'अमन',
गर मुरझाये न मुद्दत तक तो, सिवा-ऐ-खार कुछ बोए क्या?

Meanings: दिली तमन्ना-desperate want आशियाना-home ज़ार-ज़ार-to cry in full volume
         फ़कीर-saint आने-1/16th part of a Rupee (in British times) ख़याल-thought
         दर-door ख्वाब-dreams सुकून-rest उम्र भर-entire life गर-if मुद्दत-for a long time
         सिवा-except ख़ार-thorns सिवा-ए-ख़ार.....-what to sow except thorns

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