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Saturday, December 5, 2009

5) सब भूले (7th class)

मत हसो इतना कि आसू निकल आयेंगे
तुम्हारी देश भक्ति से क्या ये नेता बदल जायेंगे ?
जो प्यार दिया तुमने देश को ,
क्या वही देश ने दिया ?
नहीं अपनाया तुम्हे ,
फिर क्यों ये तुमने किया ?
अगर होता तुम में कोई
नेता -मंत्री का बेटा दामाद ,
नहीं सहना पड़ता तुम्हें
वो दर्द जो अब तक पिया
वहां नहीं वो नेता जो
तुम्हारे देश को बचायेंगे
मत हसो इतना कि आसू निकल आयेंगे

शरीरों में थिरकन न थी
पड़े वो ढीले हाथ थे
देश के लिए उठे ये हाथ जो नहीं तुम्हेरे साथ थे
तुम शेर थे , मेमने नहीं
पर देश को तुमसे आज क्या ?
काम पूरा हो गया
फिर देश को तुम्हारी लाज क्या ?
क्या आगे भी देशभक्त ,
ऐसा ही सिला पाएंगे ?
अगर पता हो कि यही होगा
तो देश रख्षा से कतरायेंगे
"वसुधैव कुटुम्बकम " कहाँ ?
खुद में ही सिमट जायेंगे .
मत हसो इतना कि आसू निकल आयेंगे .

(Dedicated to all those Indian soldiers who are still war prisoners since many years in other countries, but Indian government is not doing anything to get them back.
Written in 7th class)

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