मेरे दिल से धुंआ तो निकल जाता है
पर ठीक से जल नहीं पता ये दिल
तमन्नाएं तो हज़ारो हैं
पर ठीक से मचल नहीं पता ये दिल
आखों के आगे अश्क आ जाते हैं
उन्हें कहाँ हम देख पते हैं ? (उन्हें means 'that girl')
किसी के कदम तो बहेक जायें मगर
मुझ से संभल नहीं पाता ये दिल
कब तक टुकड़े टुकड़े होकर
जलते रोते रहेंगे हम ?
मेरा ज़हन साथ दे देगा मगर
पहेल नहीं कर पाता ये दिल
ठीक से जल नहीं पाता ये दिल ...
(Written in 9th class)
Sir is poem me aapka interpretation Kaun tha
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